Concluded

राष्ट्रीय एकता के वांछित लक्ष्य को प्राप्त करने में युवाओं की भूमिका उनके नए विचारों के साथ आगे बढ़ाने से हो सकती है जो धार्मिक कट्टरपंथी को रोकने और जाति, पंथ, और समुदाय के बारे में पूर्वाग्रहों को रोकने के लिए नीतियां तैयार करके की जा सकती हैं।

सभी युवाओं को, चाहें वो देश के किसी भी भाग में रहते हों, उन्हें एकजुट होना चाहिए और सामूहिक प्रयास करना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने वाली सभी बाधाओं को दूर करने और राष्ट्रीय रणनीति को बढ़ावा देने में मदद करने वाली सभी रणनीतियों को आगे बढ़ाने के लिए सरकार के हाथों को मजबूत किया जा सके।

हर भारतीय युवा को महात्मा गांधी के वचनों का पालन करना चाहिए, ‘‘जो बदलाव हम चाहते है वो पहले खुद में लाना होगा’’। अधिकांश युवा राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के प्रयासों के माध्यम से दूसरों के समक्ष उदाहरण तैयार कर सकते हैं। उन्हें राष्ट्रीय एकता के प्रति अपने सभी प्रयासों को सकारात्मक और बेहतरीन विचारों, जिम्मेदारी वाला व्यवहार और सभी के प्रति सावधानीपूर्वक व्यवहार के साथ निभाना चाहिए।

राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें सामूहिक रूप से धार्मिक उत्सव जैसे दीपावली, क्रिसमस, ईद, गुरु पर्व आदि को समान रूप से आनंद और खुशी के साथ मनाना चाहिए। युवा लोग अपने दृष्टिकोण और कार्यों के जरिए राष्ट्र निर्माण के प्रति अपना सही दृष्टिकोण और सकारात्मक भावना दिखा सकते हैं और दूसरों के समक्ष एक उदाहरण पेश कर सकते हैं।

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